12 भावो में प्रतिकूल शनि के लिए उपाय
ज्योतिष शास्त्र में विश्वास करने वाले ज्यादातर लोगों को उनकी
कुंडली में ये बताया जाये की उनकी कुंडली में हानिकारक और प्रतिकूल शनि की अवस्था है तो लोग घबरा जाते हैं । साढ़े साती ;- कुंडली में शनि की साढ़े सात साल की चाल शायद सभी ग्रहों की दशा,अंतर् दशा में भय का कारण बनी हुई है। इसी कारण सभी भावो में शनि के अचंभित, खतरनाक और हानिकारक दशा फल के लिए लाल किताब के टोटके मिलते हैं ।
लाल किताब से मेरे द्वारा चुने गए कुछ टोटके सबसे सरल हैं, जो आसानी से कुंडली के 12 भावो में से किसी में एक अशुभ या प्रतिकूल शनि के प्राप्त फलो के लिए है जो सरल है किसी के भी द्वारा किया जा सकता है।
शनि की उपस्थितिः कुंडली के अलग अलग १२ भावो में अलग अलग परिणाम देती है , उनके लीये अलग अलग उपाय इस प्रकार हैं:-
यदि शनि आपकी कुंडली में इन घरो में उपस्तिथत हैं :----
पहला घर- सूरमा [आईलाइनर] को एक सुनसान जगह पर
गाड़ दो।
दूसरा घर- दूध या दही का तिलक लगाएं।
तीसरा घर- घर के मुख्य द्वार की निचली प्लेट पर लोहे की कील या
पेंच लगाए ।
चौथा घर- भैंसों,
कौवे,
मछली और ऐसे अन्य जीवित जीवों को उनसे सम्बंधित भोजन खिलाएं।
पांचवां घर- शनि की पूजा करें और शनि उपसंवास करें। अपने शरीर पर कुछ सोना या केशर [केसर] लगाए।
छठा घर- एक काले या गहरे रंग का कुत्ता पालतू जानवर के रूप
में रखें।
सातवां घर- पीतल के बर्तन में कुछ शहद रखें, बर्तन को कसकर बंद कर
दें और अपने घर में रखें।
आठवां घर- नदी या समुद्र किसी जल निकाय में आठ बादाम विसर्जित करें।
नौवां घर- अपने पास सदैव एक वर्ग-आकार का चांदी का टुकड़ा
रखें।
दशम घर- श्री गणेश जी की पूजा करें और उपसंवास करें।
एकादश घर - शनि की पूजा-अर्चना और सेवा करें।
द्वादश घर- चपाती या रोटी पर थोड़ा सा काला खाने का रंग और तेल
लगाएं और उसे कौवे या काले रंग के कुत्तों को खिलाएं।