काल सर्प योग- कुछ सरल प्रभावी उपाय

काल सर्प योग- कुछ सरल प्रभावी उपाय 











जैसा की आप सब लोग जानते हैं, कुछ समय पूर्व ही कलियुग में कुंडली में कुछ नए योग या दोष को सम्मिलित किया गया है जिसमे से एक कल सर्प दोष भी है। वैसे तो ये दोष कुंडली में राहु की स्थिति को दर्शाता है की वो जातक के लिए कितनी शुभ और अशुभ होगी और उसका परिणाम जातक के लिए जीवनपर्यन्त कैसा होगा, अधिकतर ज्योतिषी और विद्वानों का यह भी कहना है की कुछ स्तिथि में ये कालसर्प दोष बहुत विषम परिस्तिथि उत्पन्न कर सकता है जिससे जातक को मृत्युतुल्य कष्ट तक भोगने पड़ सकते हैं। उनके जीवन में ये दोष अत्यंत पीड़ादायक बन सकता है।

कालसर्पयोग या दोष क्या होता है ?

काल सर्प योग; ज्योतिषो  द्वारा मन गया वो दोष है , जिसमें सभी ग्रहों को राहु के बीच रखा गया है। कुंडली में यदि सरे ग्रह राहु और केतु के मध्य में आ जाते हैं , उस परिस्थिति को कालसर्प योग या दोष का नाम दिया गया है ! हालाँकि इसमें ध्यान देने वाली बात ये है की राहु का प्रभाव कुंडली में कैसा रहेगा उसका फलादेश देखना और करना अतिआवशयक है 

कई ज्योतिषो  द्वारा ये मन जाता है , राहु [उत्तर नोड] और केतु {दक्षिण नोड] कुंडली में एक बहुत भयंकर ग्रहों का संयोजन है क्योंकि इसके बीच में आने वाले अन्य ग्रहों में रुकावट आती है और जातक को वो गृह अपना पूर्ण सहयोग देने में असफल रहते हैं !

 

कालसर्प योग या दोष के प्रकार। ..


मुख्यता इसके १२ प्रकार ही प्रचलित हैं , जिनके कुंडली में  बनने पर उनके कई तरह के उपाय और समाधान बताये गए हैं , जो हर किसी के लिए सरल नहीं हैं।  

हम यहाँ कालसर्प योग के प्रकार की वृहद् चर्चा नहीं करेंगे क्यूंकि इसके बारे में आपको बहुत सारी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध है :-

आज हम आपके लिए कुछ ऐसे सरल उपाय लाये हैं जिनके द्वारा आप राहु से उत्पन्न विपरीत परिस्तिथियों में भी सरलता से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  ये उपाय कम खर्चीले तो हैं ही साथ में बहुत प्रभावशाली भी हैं।  और सबसे अच्छी बात ये है की इनको करने के लिए आपको किसी भी विशेष पारकर का प्रशिशक्षण लेने की भी आवशयकता नहीं है , और न किसी पंडित या विद्वान् से करवाने की। 

ये उपाय इतने सरल हैं की इन्हे आप स्वय ही कर सकते हैं। 

स्मरण रहे की जो मंत्र जाप, पूजा पाठ या उपाय अपने द्वारा किया गया होता है उसमे पहल प्राप्ति अधिक होती है क्यूंकि उसमे आपकी भावनाये और प्राथना साथ जुडी होती हैं। 


ये उपाय आप भी आजमाइए और सबको बताइये :-



प्रतिदिन ,दूध में थोड़ा जल मिला कर पीपल की जड़ को सींचे , जिस पात्र से आप ये  मिश्रित जल डाले वो पात्र लोहे का होना आवशयक है। 

 

अमावस्या की शाम को आप  3 नारियल और 1किलो  कोयला ले आये , किसी साफ़ बहते हुए पानी में एक एक करके पहले नारियल बहा दें उसके बाद कोयला प्रवाहित कर दें , मन में आप ॐ रां राहवे नमः का जाप करते रहे।  बहाने के बाद तुरंत घर को वापिस लौट जाये और पीछे मुड़  कर न देखे। 

 

काल सर्प योग मंत्र या महामस्तंजय मंत्र का जप करने से काल सर्प योग के दुष्प्रभावों को नकारने में भी मदद मिलती है। आप नव-नाग स्त्रोत्र का जाप प्रतिदिन कर सकते हैं। 


राहु और केतु के बीज मंत्रो का जाप आप सांयकाल में कर सकते हैं , प्रतिदिन हर एक मंत्र की एक माला यानि108 बार जाप करें।  

राहु :- ॐ रां रहवे नमः - 108  बार 

केतु ;- ॐ के केतवे नमः -108  बार 

 

प्रतिदिन , काले शिवलिंग पर जल चढ़ाये , बुधवार , शनिवार को जल में काले तिल  डाल कर जल चढ़ाये 


यदि आप एक दुकानदार या एक व्यापारी हैं; किसी भी शुभ अवसर पर या दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन करने के बाद एक नारियल लेकर लाल कपड़े में लपेटकर अपनेपास किसी  सुरक्षित में रख लें; जहां धन या कीमती सामान संग्रहित किया जाता है।

 

यदि चोरों और प्रतिस्पर्धियों से व्यापार या परेशानी में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है - किसी भी सोमवार को अशोक वृक्ष की पूर्ण पत्तियां लाएं, उन्हें धोएं और एक माला बनाएं; जिस धागे में पत्तो को पिरोना है उसको आप हल्दी में डूबा कर रखे ताकि हल्दी का रंग उसमे चढ़ जाये । यह माला दुकान के प्रवेश द्वार या अपने कार्यस्थल के प्रवेश द्वार पर लगा दें। 


क्या आपकी कुंडली में भी कालसर्प योग है और वो आपको आपके जीवन में कष्ट दे रहा है? आपको नौकरी में समस्या आ  रही है, या आपका विवाह नहीं हो रहा है या आपका विवाह उपरांत जीवन अच्छा नहीं है ,परेशानियो और समस्याए आपको घेर रही है तो आप भी अपनी कुंडली का विश्लेषण हम से शीघ्र करबाइये।