वास्तुशास्त्र- रहस्मयी दर्पण - वास्तु सुझाव

वास्तुशास्त्र- रहस्मयी दर्पण - वास्तु सुझाव 

वास्तुशास्त्र- रहस्मयी दर्पण - वास्तु सुझाव

दर्पण सदियों से घरों की एक बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु रही है। दर्पण के ऊपर एक पर्दा लगा हुआ होता था , जब दर्पण का उपयोग करना होता था तब ये पर्दा हटाया जाता था । बाकि के समय ये पर्दा ऐसे ही लगा रहता था जब तक की उस दर्पण का कोई इस्तेमाल न हो।


दर्पण वास्तु सुझाव 

आज के जीवन में भी कई घरों में यह दिनचर्या है। एक दर्पण तुच्छ लग सकता है लेकिन यह आपके घर और आपके जीवन में बहुत सारी सकारात्मकता ला सकता है। वास्तु में इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।


आईने को सही जगह और दिशा में रखना चाहिए।दर्पण वास्तु का का एक बहुत मुख्य हिस्सा है। 


 वास्तु में  दिशाओं  का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और इस प्रकार क्योंकि दर्पण वास्तु का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए दर्पण की दिशाएं बहुत सही होनी चाहिए।


दर्पण के सकारात्मक प्रभाव- वास्तु सुझाव

लॉकर के विपरीत दिशा में  दर्पण रखना चाहिए। माना जाता  है कि इससे ज्यादा धन आगमन में मदद मिलेगी और आपके सेफ में पैसा दोगुना हो सकता है।


• ऐसा मन जाता है की उत्तर दिशा में दर्पण लगाने से बहुत धन आता है  क्योंकि यह भगवान कुबेर की दिशा है। 


व्यवसायियों को कैश बॉक्स से सटा कर  दर्पण रखना चाहिए जो निश्चित रूप से पैसे बढ़ाने में मदद करेगा और अधिक ग्राहकों को आकर्षित करेगा  ।


बाथरूम में उत्तर या पूर्व की दीवारों पर दर्पण का उपयोग करना चाहिए। इससे नकारात्मकता दूर करने में अच्छा रहेगा और जातक का   स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा ।


ड्रेसिंग रूम में शीशे जमीन के स्तर से 4 फीट से ऊपर होने चाहिए।



वास्तु सुझाव-दर्पण के नकारत्मक प्रभाव

 दक्षिण पूर्व दिशा में दर्पण नहीं रखना चाहिए । यदि आपने वहां  दर्पण रखा है तो आपको इसे हटा दीजिये और इसे ऊपर बताई गई दिशा में रखना चाहिए। अन्यथा इससे अधिक झगड़े होंगे क्योंकि दक्षिण पूर्व एक ज्वलंत दिशा है ।


एक ही कमरे में दो दर्पण नहीं होना चाहिए अन्यथा बेकार झगड़े और संदेह  की स्थिति उत्पन्न होगी ।


 इस तरह से दर्पण नहीं रखना चाहिए कि यह उत्तर या पूर्व का सामना करे क्योंकि वे अच्छी दिशाएं हैं और इस तरह से दर्पण रखने से सकारात्मक ऊर्जा क्षीण हो जाएगी।


बेहतर होगा कि बेडरूम में शीशे न रखें।


दर्पण को घर के प्रवेश द्वार का सामना नहीं करना चाहिए।



दर्पण वास्तु के बारे में कुछ और तथ्य:

दर्पण आयत या वर्ग में होना चाहिए और एक अंडाकार और गोल आकार के दर्पण के उपयोग से बचना चाहिए।


यदि आप नींद के विकार से चिंतित  हैं तो आप गद्दे पर अपने बिस्तर के नीचे एक छोटे से 3 इंच दर्पण रखिये इससे आपको आप उस में कुछ राहत मिल सकती है ।

 

दर्पण को कभी भी अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। आईने को इस तरह नहीं रखना चाहिए कि दर्पण पर स्वय की छवि दिखाई दे।


 यदि आपके घर के सामने एक लॉन है तो एक दर्पण उसकें सामने रखिये ताकि  ये दर्पण सकारात्मक ऊर्जा  को आकर्षित करेगा और आपके घर को बहुत बेहतर और जीवंत कर देगा ।


आपको उस कमरे में दर्पण को  नहीं टाँगना चाहिए या दीवार पर नहीं टांग कर रखना चाहिए  जहां छात्र अपनी पढ़ाई करते हो या वो पढाई का कक्ष हो  क्योंकि इससे वह पढ़ने वाला व्यक्ति या छात्र का मन विचलित होगा और पढाई में उसका ध्यान नहीं  लग पाएगा। 


सीढ़ियों के पास शीशा या दर्पण  न रखें। किसी को कभी जंग लगे, टूटे शीशे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे वास्तु में बहुत बुरा माना जाता है।