Surya Dev |
सूर्य देव को हिंदू धर्म के पंचदेवों में से एक माना गया है। वैसे तो सूर्यदेव की पूजा हर रोज़ करना शुभ माना गया है, किंतु रविवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं इस दिन अगर सूर्यदेव को जल अर्पित करने के साथ साथ पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाए तो उपासक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं उसके सभी रोग दूर हो जाते हैं। साथ ही रविवार के दिन सही नियम से सूर्यदेव को जल चढ़ाने से कुंडली मे सूर्य देव की भूमिका और भी ज्यादा बलवान हो जाती है । आइए जानते हैं सूर्यदेव की पूजा से मिलने वाले लाभ और उनकी पूजा का सही तरीका क्या है…
सूर्येदेव की पूजा के लाभ
1 सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन करने से व्यक्ति निडर बनता है और उसे किसी भी चीज़ का भय नहीं रहता।
2 सूर्य देव के आशीर्वाद से शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है।
3 सभी रोगों का नाश होता है और मनुष्य शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों से स्वस्थ रहता है।
4 सूर्य देव की पूजा करने से अच्छे आचरण की प्राप्ति होती है, साथ ही मनुष्य की वाणी भी मधुर हो जाती है।
5 अहंकार, द्वेष, छल, कपट, लोभ, क्रोध आदि जैसे बुरे विचार मन में नहीं आते हैं।
सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय रखें इन बातों का ध्यान:-
1 सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल देना चाहिए।
2 जल चढ़ाते वक़्त दोनों हाथों से पात्र को पकड़ें।
3 केवल जल ना चढ़ाएं उसमे पुष्प और अक्षत अवश्य डाल दें।
4 जल चढ़ाते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जल आपके पैरों पर तो नहीं गिर रहा है।
5 अगर कभी आपको सुबह सूर्यदेव दिखाई न पड़ें, ख़ासतौर पर जाड़े के समय तो आप पूर्व दिशा की ओर अपना मुख करके जल अर्पित कर सकते है।
जल चढ़ाते समय सूर्य गायत्री मंत्र का जाप और साथ ही आप भगवान सूर्य के 12 नामों का भी जाप कर सकते हैं ।
सूर्य गायत्री मंत्र
।।ॐ आदित्याय विदमहे भास्कराय धीमहि , तन्नो भानु प्रचोदयात ।।
सूर्य 12 नाम
।।आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर, दिवाकर नमस्तुभ्यं, प्रभाकर नमोस्तुते।
सप्ताश्वरथमारूढ़ं प्रचंडं कश्यपात्मजम्, श्वेतपद्यधरं देव तं सूर्यप्रणाम्यहम्।।
सूर्य गायत्री मन्त्र के जाप से होने वाले लाभ
1.रोग कैसा भी क्यों न हो सूर्य देव की विधिवत आराधना से रोग से मुक्ति मिलने लगती है ।
2.मानसिक व्याधियों (चिंता, तनाव, अवसाद, नकारात्मक सोच ) से मुक्ति मिलने लगती है। सूर्य देव की पूजा से जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता है ।
3.सूर्य देव की पूजा से मन से अहंकार, हीन भावना, ईर्ष्या के भाव दूर होते हैं।
4.जन्म कुंडली में सूर्य दोष होने पर सूर्य देव की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है। ऐसे व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए ।
5.सूर्य देव की आराधना से नौकरी में आई अड़चन दूर होती है व साथ ही नौकरी में पदौन्नति के अवसर प्राप्त होते है ।
6.जो व्यक्ति सम्पूर्ण जीवन सूर्य देव की आराधना करते हैं, उन्हें जल अर्पित करते हैं, उनके चहरे पर सैदव तेज रहता है। ऐसे व्यक्ति में दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता विकसित होने लगती है ।
7.सूर्य देव की नित्य अराधना करने वाला व्यक्ति स्वभाव से निडर और शरीर से बलवान बनता है ।