नमस्कार मित्रो ! आज १ मई २०२० को बगलामुखी जयंती है ! ग्रथो और वेदों के अनुसार बैसाख माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी बगुलामुखी का प्राकट्य हुआ था ! इसलिए इस तिथि को बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है ! बगुलामुखी देवी को पीतांबरी या ब्रह्मास्त्र विद्या भी कहा जाता है ! उनके पीत वस्त्र हैं और मस्तक पर सुनहरे रंग का चन्द्रमा विद्यमान है !
बगला एक संस्कृत शब्द है , जिसके शाब्दिक अर्थ दुल्हन या वधु है ,अर्थात जिसका सौंदर्य किसी वधु के सामान अलौकिक हो और जिनके भीतर आपार शक्ति का समावेश हो इसी कारण उनका नाम बगुलामुखी नाम से भी जाना जाता है ! देवी का सिंहासन ररत्न जड़ित है और इसी पर सवार होकर वो शत्रु का संहार करती हैं ! देवी बगुलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महादेवी है जिनको स्तम्भन की देवी भी मन जाता है ! देवी में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शक्ति का समावेश है , माता की शत्रु नाश , वाक् सिद्धि , वाद विवाद में विजय प्राप्त करने हेतु उपासना की जाती है ! सहृदय से आराधना करने वाले भक्त माता की कृपा पाकर तीनो लोको में अजय हो जाते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं !
वैसे तो माता की पूजा करने का विधान , माता को पीले पुष्प और नारियल चढ़ाना है और साथ में पीले हल्दी के ढेर पर दीप दान करने का नियम है ,माता को पीले वस्त्र भी चढ़ाये जाते हैं ! परन्तु आज के परिपेक्ष में ये सभी करना अत्यंत दुर्लभ है , क्युकी आज की परिस्तिथि इस विधान को पूर्ण करने के लिए आज्ञा नहीं देती !
इसके विकल्प में एक ऐसा विधान जो सबके लिए लाभकारी सिद्ध हो और सार्वभौमिक हो वो आप सभी के लिए लेकर आये हैं !
माता का एकाक्षरी मंत्र जाप जो रोग, रिपु और ऋण जैसी समस्याओ को समाधान करने में बहुत सक्षम है ! इस मन्त्र के लिए किसी गुरु दीक्षा या किसी भी प्रकार की वशेष पूजा अर्चना की आवशयकता नहीं है !और न ही किसी हवन या अनुष्ठान करने की !
विधि -विधान :-मन में माँ बगलामुखी का ध्यान करें ,सद्भावना रखे और पूर्ण विश्वास के साथ में जिस कार्य के लिए मन्त्र जाप करना है उसके लिए संकल्प करे ! दाएं हाथ में जल लेकर मन ही मन अपना नाम, अपने गोत्र का नाम , स्थान का नाम लें और जिस कार्य के लिए आप मंत्र जाप करना चाहते है उस कार्य की सफलता प्राप्ति हेतु संकल्प लें !
मंत्र :- !! ॐ ह्लीं !!
मंत्र संख्या :- ७ माला या ७५६ बार
पूर्ण श्रद्धा एवं मन में विशवास के साथ एकाग्र हो कर , मन में माँ बगुलामुखी का ध्यान रखकर मंत्र का जाप करें और देखिये ये कैसे आप सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेन में सक्षम है !
!!जय माँ बगुलामुखी !!
Baglamukhi Jayanti- 1 May 2020 |
बगला एक संस्कृत शब्द है , जिसके शाब्दिक अर्थ दुल्हन या वधु है ,अर्थात जिसका सौंदर्य किसी वधु के सामान अलौकिक हो और जिनके भीतर आपार शक्ति का समावेश हो इसी कारण उनका नाम बगुलामुखी नाम से भी जाना जाता है ! देवी का सिंहासन ररत्न जड़ित है और इसी पर सवार होकर वो शत्रु का संहार करती हैं ! देवी बगुलामुखी दसमहाविद्या में आठवीं महादेवी है जिनको स्तम्भन की देवी भी मन जाता है ! देवी में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शक्ति का समावेश है , माता की शत्रु नाश , वाक् सिद्धि , वाद विवाद में विजय प्राप्त करने हेतु उपासना की जाती है ! सहृदय से आराधना करने वाले भक्त माता की कृपा पाकर तीनो लोको में अजय हो जाते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं !
वैसे तो माता की पूजा करने का विधान , माता को पीले पुष्प और नारियल चढ़ाना है और साथ में पीले हल्दी के ढेर पर दीप दान करने का नियम है ,माता को पीले वस्त्र भी चढ़ाये जाते हैं ! परन्तु आज के परिपेक्ष में ये सभी करना अत्यंत दुर्लभ है , क्युकी आज की परिस्तिथि इस विधान को पूर्ण करने के लिए आज्ञा नहीं देती !
इसके विकल्प में एक ऐसा विधान जो सबके लिए लाभकारी सिद्ध हो और सार्वभौमिक हो वो आप सभी के लिए लेकर आये हैं !
माता का एकाक्षरी मंत्र जाप जो रोग, रिपु और ऋण जैसी समस्याओ को समाधान करने में बहुत सक्षम है ! इस मन्त्र के लिए किसी गुरु दीक्षा या किसी भी प्रकार की वशेष पूजा अर्चना की आवशयकता नहीं है !और न ही किसी हवन या अनुष्ठान करने की !
विधि -विधान :-मन में माँ बगलामुखी का ध्यान करें ,सद्भावना रखे और पूर्ण विश्वास के साथ में जिस कार्य के लिए मन्त्र जाप करना है उसके लिए संकल्प करे ! दाएं हाथ में जल लेकर मन ही मन अपना नाम, अपने गोत्र का नाम , स्थान का नाम लें और जिस कार्य के लिए आप मंत्र जाप करना चाहते है उस कार्य की सफलता प्राप्ति हेतु संकल्प लें !
मंत्र :- !! ॐ ह्लीं !!
मंत्र संख्या :- ७ माला या ७५६ बार
पूर्ण श्रद्धा एवं मन में विशवास के साथ एकाग्र हो कर , मन में माँ बगुलामुखी का ध्यान रखकर मंत्र का जाप करें और देखिये ये कैसे आप सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेन में सक्षम है !
!!जय माँ बगुलामुखी !!