दुर्गा सिद्ध सम्पुट मंत्र
मित्रो ,
दुर्गा सप्तशती तांत्रिक मन्त्रिक ग्रथों में अत्यंत श्रेष्ठ प्रभाव पूर्ण पाठ है। जो साधक जिस भाव और जिस कामना से श्रद्धा एवं विधि विधान के साथ सप्तशती का पाठ करता है , उसे उसी भावानुसार निश्चय ही फल प्राप्ति होती है क्योंकि दुर्गा सप्तशती अर्थ ,धर्म ,काम, मोक्ष इन चारों पुरुषार्थो को प्रदान करने वाली है। इस बात का प्रत्यक्ष अनुभव कई साधको को हो चूका है।
इन मंत्रो जाप नवरात्रो में करना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है , या किसी शुभ दिन , किसी शुक्रवार को भी आरम्भ किया जा सकता है , आप शुभ मुहूर्त या शुभ घडिया हिन्दू पंचांग के अनुसार देख सकते हैं और जाप आरम्भ कर सकते हैं।
यूँ तो दुर्गा सप्तशती में बहुत से मंत्रो का उल्लेख किया गया है , परन्तु कुछ विशेष मंत्र विशेष परिस्तिथियों के लिए हैं।
मंत्र जाप प्रयोग करने की दो विधि है, एक तो दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक श्लोक के साथ सम्पुट लगा कर, दूसरा सीधे ही सम्बंधित मन्त्र के पांच माला मन्त्र जाप करके :-
१. विपत्ति नाश के लिए
शरणागतदीनार्त परित्राणपरायणे ,
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणी नमोस्तुते।
जिन जातको को भूत प्रेत इत्यादि का भय हो या मृत्यु का भी भय हो उनके लिए ये मंत्र सर्वश्रेष्ठ है।
२.बाधा मुक्ति लिए एवं धन धन्य प्राप्ति हेतु :-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः
जिन जातको को किसी भी प्रकार की हानि हो रही हो , चाहे वो धन संबंधी हो, व्यापार सम्बन्धी हो , या नौकरी में कोई बाधा या अड़चनआ रही हो या जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी हो , वो सभी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
३.भय नाश के लिए
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते ,
भयभ्यस्त्राही नो देवि दुर्गे देवी नमोस्तुते
शत्रु भय , रोग भय , मृत्यु भय , या किसी भी जीव जंतु का भय हो , किसी बड़ी मुसीबत से भय हो जिससे आप स्वयं को बाहर निकलना चाहते हैं तो ये मंत्र सर्वोत्तम है , इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
४. यश एवं कीर्ति के लिए
देहि सौभाग्यारोग्यं देहि मे परमसुखम
रूपं देहि यशो देहि दिशो जहि
यश एवं कीर्ति ,लिए ,अपनी प्रसिद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करिये और देखिये इसका प्रभाव।
दुर्गा माँ को गुलाम के पुष्प प्रिय है , यदि आप साधना काल काल में देवी के लिए पुष्प अर्पित कर सके तो अति उत्तम होगा , यदि कुछ लोग ऐसा करने में असमर्थ हैं तो गुलाब जल भी अर्पित कर सकते हैं।
जाप करने से पूर्व सकल्प अवश्य लें , और अपनी मनोकामना माँ दुर्गा के सामने अवश्य रखें।
इन मंत्रो को पूर्ण श्रद्धा के साथ आप माँ दुर्गा के समक्ष अपनी पार्थना करते हुए मंत्र जाप करिये आपकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी।